NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 4 नन्हा फनकार
केशव की घंटियाँ
प्रश्न 1.
“माशा अल्लाह! ये घंटियाँ कितनी सुंदर हैं! तुमने खुद बनाई हैं?”
बादशाह अकबर ने यह बात किसलिए कही होगी
(क) केशव के काम की तारीफ में ।
(ख) यह जानने के लिए कि घंटियाँ कितनी सुंदर हैं ।
(ग) केशव से बातचीत शुरू करने के लिए।
(घ) घंटियाँ किसने बनाईं, यह जानने के लिए।
(ङ) क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि 10 साल का बच्चा केशव इतनी सुंदर घंटियाँ बना सकता है।
(च) कोई और कारण जो तुम्हें ठीक लगता हो।
उत्तर:
(ङ) क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि 10 साल का बच्चा केशव इतनी सुंदर घंटियाँ बना सकता है।
प्रश्न 2.
केशव पत्थर पर घंटियाँ तथा कड़ियाँ तराश रहा था। उसके द्वारा तराशी जा रही घंटियों और कड़ियों का चित्र अपनी कॉपी में बनाओ। तुम्हें क्या कोई खास इमारत याद आ रही है जिसमें नक्काशी की गई हो। संभव हो तो उसकी तस्वीर चिपकाओ।
उत्तर: स्वयं करो।
आना-जाना
केशव के पिता गुजरात से आगरा आकर बस गए थे। हो सकता है तुम या तुम्हारे कुछ साथियों के माता-पिता भी कहीं और से यहाँ आकर बस गए हों। बातचीत करके पता लगाओ कि ऐसा करने के क्या कारण होते हैं?
उत्तर:
सामान्य तौर पर ऐसा करने का एक ही कारण होता है रोजगार की प्राप्ति। इसके अलावा जो कारण होते हैं, वे हैं-उच्च शिक्षा की प्राप्ति, स्वास्थ्य सुविधाओं की प्राप्ति आदि।
प्रश्न 3.
अकबर को पहरेदार की दखलंदाजी अच्छी क्यों नहीं लगी?
उत्तर:
अकबर को पहरेदार की दखलंदाजी इसलिए अच्छी नहीं लगी क्योंकि वे नन्हें केशव से इत्मीनान से बात करना चाहते थे और उसके हुनर के बारे में विस्तार से जानना चाहते थे।
प्रश्न 4.
“लगता है कोई बहुत बड़ा आदमी है,” यहाँ पर बड़े आदमी’ से केशव का क्या मतलब है?
उत्तर:
यहाँ पर ‘बड़े आदमी’ से केशव का मतलब है किसी प्रतिष्ठित और प्रभावशाली आदमी से।
प्रश्न 5.
“खरगोश की-सी कातर आँखें”
पशु-पक्षियों से तुलना करते हुए और भी बहुत-सी बातें कही जाती हैं जैसे-‘हिरन जैसी चाल’। ऐसे ही कुछ उदाहरण तुम भी बताओ।
उत्तर:
- कोयल-जैसी आवाज
- शेर जैसी दहाड़
- गाय जैसी सीधी
- घोड़ा जैसा अड़ियल
- हाथी जैसी मस्त चाल
प्रश्न 6.
अकबर ने जब नक्काशी सीखना चाहा, तो केशव ने उन्हें संदेहभरी नज़रों से क्यों देखा?
उत्तर:
केशव को संदेह इसलिए हो रहा था क्योंकि उसके हिसाब से एक बादशाह के पास नक्काशी सीखने से भी ज्यादा कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। उनके लिए वे कार्य करना अधिक जरूरी हैं।
प्रश्न 7.
केशव दस साल का है। क्या उसकी उम्र के बच्चों का इस तरह के काम से जुड़ना ठीक है? अपने उत्तर: का कारण जरूर बताओ।
उत्तर:
इस उम्र के बच्चों का इस तरह के काम से जुड़ना ठीक नहीं है क्योंकि यह उम्र पढ़ने-लिखने और खेलने-कूदने की होती है। इतनी कम उम्र से काम में लग जाने के कारण उनका मानसिक और शारीरिक विकास कुंठित हो जाता है। अतः उन्हें पढ़ने का समुचित अवसर अवश्य मिलना चाहिए।
प्रश्न 8.
“केशव बार-बार सबको सुनाता।”
केशव सबसे क्या कहता होगा? कल्पना करके केशव के शब्दों में लिखो।
उत्तर:
केशव सबसे यही कहता होगा
“आज बादशाह अकबर मेरे पास आए थे। उन्होंने मेरे काम की बहुत तारीफ की। उन्होंने मुझे नक्काशी का काम सिखाने को कहा। मुझे बादशाह की ऐसी इच्छा पर हैरानी हुई। फिर भी मैंने उन्हें बहुत अच्छे से नक्काशी का काम सिखाया। सीखने के दौरान उन्होंने मुझे ‘जी हुजुर’ भी कहा। उन्होंने मुझसे काम जारी रखने को कहा ताकि कारखाने खुलने पर वे मुझे काम पर रख सकें। वे मुझसे बड़े प्रभावित थे।”
शब्दों की निराली दुनिया
प्रश्न 1.
(क) नक्काशी जैसे किसी एक काम को चुनो (बढ़ईगिरि, मिस्त्री इत्यादि) जिसमें औज़ारों का इस्तेमाल होता है। उन खास औज़ारों के नाम और काम पता करके लिखो।
(ख) छैनी, हथौड़ा, तराशना, किरचें-ये सब पत्थर के काम से जुड़े हुए शब्द हैं। लकड़ी के दुकानदार और बढ़ई से बात करके लकड़ी के काम से जुड़े शब्द इकट्ठे करो और कक्षा में उन पर सामूहिक रूप से बातचीत करो। कुछ शब्द हम यहाँ दे रहे हैं।
आरी, रंदा, बुरादा, प्लाई, सूर्त …
(ग) हो सकता है कि तुम्हारे इलाके में इन चीज़ों और कामों के लिए कुछ अलग किस्म के शब्द इस्तेमाल होते। हों। उन पर भी बातचीत करो।
उत्तर::
(क) बढ़ईगिरि में प्रयुक्त होने वाले औज़ारों के नाम हैं
- हथौड़ी-लकड़ी या दीवार में कील ठोकने के लिए।
- आरी-लकड़ी काटने के लिए।
- पेचकश-पेंच कसने या निकालने के लिए।
- बर्मा-छेद करने के लिए।
- रंदा-लकड़ी की घिसाई करने के लिए।
(ख) स्वयं करो।
(ग) स्वयं करो।
प्रश्न 2.
‘कटाव” शब्द ‘कट’ क्रिया से पैदा हुआ है। नीचे लिखी संज्ञाएँ किन क्रियाओं से बनी हैं?
इन संज्ञाओं का अर्थ समझो और वाक्य में प्रयोग करो।
चुनाव पड़ाव बहाव लगाव
उत्तर:
प्रश्न 3.
“लड़के ने जल्दी-जल्दी कोई प्रार्थना बुदबुदाई।”
रेखांकित शब्द और नीचे लिखे शब्दों में क्या अंतर है? वाक्य बनाकर अंतर स्पष्ट करो।
फुसफुसाना बड़बड़ाना भुनभुनाना
उत्तर:
- फुसफुसाना-धीरे-धीरे बोलना या कोई बात कहना-उसने फुसफुसाकर मेरे कान में अपनी गलती के बारे में बताया।
- बड़बड़ाना-गुस्से या क्रोध में कुछ-कुछ बोलना-नौकर से गलती होने पर दादाजी बड़बड़ाने लगते हैं।
- भुनभुनाना-धीरे-धीरे जली-कटी सुनाना स्पष्ट बोलो, भुनभुनाओ नहीं।
प्रश्न 4.
“बेवकूफ, खड़ा हो। हुजूरे आला के सामने बैठने की जुर्रत कैसे की तूने! झुककर इन्हें सलाम कर।”
महल के पहरेदार ने केशव से यह इसलिए कहा, क्योंकि-
(क) बादशाह के सामने बैठे रहना उनका अपमान करने जैसा है।
(ख) पहरेदार यह कहकर अपनी वफ़ादारी दिखाना चाहता था।
(ग) पहरेदार को बादशाह के आने का पता नहीं चला, इसीलिए वह घबरा गया था।
(घ) बादशाह का केशव से बात करना पहरेदार को अच्छा नहीं लगा।
उत्तर:
(ख) पहरेदार यह कहकर अपनी वफ़ादारी दिखाना चाहता था।