NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 8 कौन ?

NCERT Solutions for Class 4 Hindi Chapter 8 कौन ?

(क) कविता पढ़कर बताओ कि यह शरारती जीव घर में कहाँ-कहाँ गया?

उत्तर:
यह शरारती जीव घर की अलमारी में, स्टोर में, रसोई घर में, चप्पल-जूता रखने के स्थान पर अर्थात् घर के कोने-कोने में गया।

(ख) किस तरह की चीजों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ?
उत्तर:
अनाज, कपड़ों, जूते-चप्पलों तथा किताबों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

(ग) कविता में बहुत-से नुकसान गिनाए गए हैं। तुम्हारे हिसाब से इनमें से कौन-सा नुकसान सबसे बड़ा है? क्यों।
उत्तर:
किताबों का नुकसान सबसे बड़ा नुकसान है क्योंकि किताबों में बहुत-सी बहुमूल्य बातें होती हैं। एक किताब से कई लोग लाभ उठा सकते हैं। यदि संभालकर रखा जाय तो इन्हें पीढ़ी-दर-पीढ़ी पढ़ा जा सकता है और अच्छी बातों को जीवन में उतारा जा सकता है।

(घ) इस कविता में किसकी शैतानियों की बात कही गई है? तुमने कैसे अनुमान लगाया?
उत्तर:
इस कविता में चूहे की शैतानियों की बात कही गई है। यही वह जीव है जो कागज, कपड़े आदि कुतरता है। खुर-खुर करके इधर-उधर भागता है, कोने में छिपता है।

कभी कुतर जाता है चप्पल
शरारती जीव ने बहुत सारी चीज़ों को कुतरा, बिखराया और काटा। अब तुम बताओ कि किन-किन चीज़ों को-
उत्तर:

कुतरा जा सकता है।बिखराया जा सकता है।काटा जा सकता है।
कपड़ाअनाजकपड़ा
कागजदूधरस्सी
जूते-चप्पलचीनीबिजली का तार

कबाड़ का हिसाब
(क) कबाड़ी क्या-क्या सामान खरीदते हैं?
उत्तर:
कबाड़ी पुराने अखबार, लोहा व प्लास्टिक की चीजें आदि खरीदते हैं।

(ख) तुम्हारे घर से सामान ले जाकर कबाड़ी उसका क्या करते हैं?
उत्तर:
कबाड़ी इन सामानों को फैक्ट्रियों में बेच देते हैं जहाँ इनको गलाकर फिर से नई और उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं।

(ग) पता करो कि पुराना अखबार या रद्दी किस भाव से बिकते हैं?
उत्तर:
स्वयं करो।।

(घ) अगर कबाड़ी तुम्हारे घर का कबाड़ न खरीदे तो क्या होगा?
उत्तर:
घर में कबाड़ की मात्रा बढ़ती जाएगी और चारों तरफ गंदगी फैल जाएगी।

घुसपैठ
(क) तुम्हारे घर में भी यदि यह शरारती जीव है या उसकी फौज घुस गई है तो पता करो कि उससे कैसे निपटा जाता
उत्तर:
स्वयं करो।

(ख) इस शरारती जीव के अलावा और कौन-कौन से जीव तुम्हारे घर में घुस जाते हैं?
उत्तर:
बिल्ली, गिलहरी, मच्छर, चींटी, तेलचट्टा, छिपकली।

बूझो
नीचे लिखी कविता की पंक्तियाँ पढ़ो। जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उनका अर्थ आपस में चर्चा करके बताओ।
(क) कभी खलीता पर बन आती
अनजाने पैसा गिर जाता
(ख) रोज़ टाँगता धो-धोकर मैं
कौन उठा ले जाता छन्ने
(ग) रोज़ रात-भर जगता रहता
खुर-खुर इधर-उधर है धाता
उत्तर:
(क) खलीता – थैली ।
(ख) छन्ने – छानने के लिए महीन कपड़ा।
(ग) धाता – दौड़ता है।

कौन ? कविता का सारांश

कवि बच्चों से पूछता है कि वह कौन-सा शरारती जीव है जो हमारा इतना ज्यादा नुकसान करता रहता है? कवि पूछता है कि किसने हमारे बटन कुतर दिया, किसने स्याही को बिखरा दिया, किसने पूरे घर में अनाज फैला दिया। कौन दोने में से मिठाई उठा ले गया, किसकी वजह से तस्वीर के दो टुकड़े हो गए। वह जीव इतना शरारती है कि कभी चप्पल कुतर देता है तो कभी जूता, कभी किताबों के जिल्द काट डालता है तो कभी कागज कुतर देता है। वह शरारती जीव रातभर जागता रहता है और कुछ-कुछ आवाज करके हमें भी सोने नहीं देता। कवि स्वयं उस जीव का नाम नहीं बताता है बल्कि बच्चों से उसका नाम पूछता है।

काव्यांशों की व्याख्या
1. किसने बटन हमारे कुतरे?
किसने स्याही को बिखराया?
कौन चट कर गया दुबक कर
घर-भर में अनाज बिखराया?
दोना खाली रखा रह गया।
कौन ले गया उठा मिठाई?
दो टुकड़े तसवीर हो गई
किसने रस्सी काट बहाई?
शब्दार्थ : चट कर गया-खा गया। दुबक कर-छिपकर। तसवीर-चित्र।।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘रिमझिम भाग-4′ में संकलित कविता ‘कौन’ से ली गई हैं। इसके रचयिता हैं-श्री सोहनलाल द्विवेदी। इसमें कवि चूहे की शरारतों का वर्णन करता है।
व्याख्या-कवि बच्चों से पूछता है कि वह कौन-सा शरारती जीव है जो हमारे बटन कुतर देता है, स्याही बिखरा देता है, छिपकर अनाज खा लेता है और पूरे घर में उसे बिखरा देता है। कौन ऐसा जीव है जो दोने में रखी मिठाइयाँ उठा ले जाता है, तसवीर में बँधी रस्सी काटकर उसे (तसवीर) गिरा देता है जिससे उसके दो टुकड़े हो गए।

2. कभी कुतर जाता है चप्पल
कभी कुतर जूता है जातो,
कभी खलीता पर बन आती।
अनजाने पैसा गिर जाता
किसने जिल्द काट डाली है?
बिखर गए पोथी के पन्ने
रोज़ टाँगता धो-धोकर मैं
कौन उठा ले जाता छन्ने?
शब्दार्थ : खलीता-थैली। पोथी-किताब।
प्रसंग-पूर्ववत् ।।
व्याख्या-शरारती जीव कभी चप्पल कुतर देता है तो कभी जूता। कभी थैली पर आक्रमण कर देता है जिससे उसमें से पैसे गिर जाते हैं। कवि फिर पूछता है कि वह कौन शरारती जीव है जो किताबों के जिल्द काटकर उनके पन्ने बिखरा । देता है। कौन छननी उठा ले जाता है जिसे मैं रोज धोकर टाँगता हूँ।

3. कुतर-कुतर कर कागज़ सारे
रद्दी से घर को भर जाता।
कौन कबाड़ी है जो कूड़ा।
दुनिया भर का घर भर जाता ?
कौन रात भर गड़बड़ करता?
हमें नहीं देता है सोने,
खुर-खुर करता इधर-उधर है।
ढूँढ़ा करता छिप-छिप कोने?
शब्दार्थ : रद्दी-बेकार चीजें । गड़बड़-गलत।
प्रसंग-पूर्ववत् ।
व्याख्या-कवि कहता है कि वह शरारती जीव कागज कुतरता रहता है जिससे पूरा घर रद्दी से भर जाता है। कवि उस जीव की तुलना कबाड़ी से करता है और कहता है कि कबाड़ी की तरह यह जीव दुनिया भर का कूड़ा लाकर घर में फैला देता है। कवि फिर बच्चों से पूछता है कि कौन रातभर कुछ-न-कुछ गड़बड़ करता रहता है और हमें सोने भी नहीं देता। खुर-खुर करता हुआ इधर-उधर भागता है। खाने की चीज हूँढ़ता है, फिर कोने में छिप जाता

4. रोज़ रात-भर जगता रहता
खुर-खुर इधर-उधर है धाता
बच्चों उसका नाम बताओ
कौन शरारत यह कर जाता?
शब्दार्थ : शरारत-शैतानी, बदमाशी। धाता-दौड़ता है।
प्रसंग-पूर्ववत् ।।
व्याख्या-कवि कहता है कि वह शरारती जीव रोज रातभर जागता रहता है। खुर-खुर करता हुआ इधर-उधर दौड़ता है। कवि बच्चों से उस जीव का नाम पूछता है।