मेरी माँ NCERT Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions and Answers

मेरी माँ NCERT Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions and Answers

प्रश्न 1.
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ में जो कुछ जीवन तथा साहस आया, वह किसकी कृपा का फल था ?
उत्तर:
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी ने माता जी एवं गुरुदेव श्री सोमदेव जी की कृपा से कुछ जीवन और साहस पाया ।

प्रश्न 2.
बिस्मिल ने पिताजी के वकालतनामे पर हस्ताक्षर करने से क्यों इंकार कियां?
उत्तर:
एक बार बिस्मिल के पिताजी दीवानी मुकदमे में वकील से कह गए कि जो काम हो वह उनकी अनुपस्थिति में बिस्मिल से करा लें। बिस्मिल ने वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर करने से मना कर दिया क्योंकि यह तो धर्म विरुद्ध होगा । सत्य का आचरण करने वाले बिस्मिल जी ने इस कार्य को पाप माना।

मेरी माँ NCERT Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions and Answers

प्रश्न 3.
इस पाठ से विद्यार्थियों को क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर:
पाठ हमें जन्मदात्री माँ के प्रति आदर और प्रेम की भावना सिखाता है। माताओं की माता ‘माँ भारती’ की सेवा और उनकी रक्षा व स्वतंत्रता के लिए बलिदान हो जाने की प्रेरणा देता है।

प्रश्न 4.
प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भगतसिंह ने बिस्मिल के बारे में क्या कहा?
उत्तर:
“रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ जी बड़े होनहार थे। क्रांतिकारी होने के साथ-साथ, वे महान साहित्यकार व लेखक भी थे। जानने वाले कहते हैं कि यदि किसी और जगह या किसी और देश या किसी और समय पैदा हुए होते तो सेनाध्यक्ष बनते ।” यह कहना था स्वतंत्रता सेनानी भगतसिंह का।

प्रश्न 5.
बिस्मिल जी ने कौन-सी आत्मकथा लिखी? इसका क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
बिस्मिल द्वारा लिखी आत्मकथा का नाम है ‘निज – जीवन की एक छटा।’ इस आत्मकथा के कारण अंग्रेज़ बिस्मिल को फाँसी देने के बाद भी हरा न सके। बिस्मिल भारतीय जनमानस में अमर हो गए।

प्रश्न 6.
लेखक ने अपनी माँ को देवी क्यों कहा?
उत्तर :
लेखक बताते हैं कि उनकी माँ देवी हैं। उनमें जो कुछ जीवन तथा साहस आया, वह उनकी माता जी की कृपाओं का ही परिणाम है।

प्रश्न 7.
माता जी ने लेखक से विवाह करने के लिए कब कहा ?
उत्तर :
माता जी का कहना था कि शिक्षा पा चुकने के बाद ही विवाह करना उचित है।

प्रश्न 8.
लेखक ने अपने जीवन में दृढ़ता कब प्राप्त की?
उत्तर :
माता जी के प्रोत्साहन तथा सद्व्यवहार ने लेखक के जीवन में वह दृढ़ता उत्पन्न की कि किसी आपत्ति तथा संकट के आने पर भी लेखक अपने संकल्प को न त्याग सके।

प्रश्न 9.
वकील ने किस काम के लिए लेखक को बुलाया ?
उत्तर :
वकील ने पिताजी के हस्ताक्षर वकालतनामे पर करने के लिए बुलाया ।

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Question Answer मेरी माँ बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बिस्मिल की बहनों को छोटी आयु में शिक्षा कौन दिया करता था ?
(क) आचार्य
(ख) उनकी माताजी
(ग) पिताजी
(घ) दादी जी
उत्तर:
(ख) उनकी माताजी

प्रश्न 2.
माताजी ने गृहकार्य की शिक्षा किससे प्राप्त की?
(क) दादी जी
(ख) परिवार से
(ग) सहेलियों से
(घ) दादी जी को छोटी बहन से
उत्तर:
(ग) सहेलियों से

प्रश्न 3.
दादीजी ने अपनी छोटी बहन को कहाँ बुलाया था ?
(क) शाहजहाँपुर
(ग) दिल्ली
(ख) लखनऊ
(घ) गाँव में
उत्तर:
(क) शाहजहाँपुर

मेरी माँ NCERT Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions and Answers

प्रश्न 4.
बिस्मिल जी ने अपनी आत्मकथा कहाँ लिखी थी ?
(क) आर्यसमाज कार्यालय से
(ख) जेल से
(ग) शाहजहाँपुर वाले घर से
(घ) लखनऊ से
उत्तर:
(ख) जेल से

प्रश्न 5.
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ ने कौन-सा लोकप्रिय तराना लिखा था ?
(क) जय हो
(ख) वंदेमातरम
(ग) सरफ़रोशी की तमन्ना
(घ) ऐ मेरे वतन के लोगों
उत्तर:
(ग) सरफ़रोशी की तमन्ना

प्रश्न 6.
” धर्म – रक्षार्थ अपने पुत्रों की मृत्यु की खबर सुनी तो प्रसन्न हुई और अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटी थी- ” बिस्मिल द्वारा लिखे इस कथन में किनकी बात हो रही है?
(क) गुरु गोविंद सिंह जी की धर्मपत्नी जी
(ख) बिस्मिल जी की माता जी
(ग) अपनी दादी जी की छोटी बहन की
(घ) अपनी माता जी की
उत्तर:
(क) गुरु गोविंद सिंह जी की धर्मपत्नी जी

प्रश्न 7.
“मुझे विश्वास है कि तुम यह समझकर धैर्य धारण करोगी। ” बिस्मिल जी ने अपनी माता जी से ऐसा क्यों कहा?
(क) क्योंकि उनका पुत्र कायरता का जीवन नहीं जीना चाहता था।
(ख) भारत माता की सेवा करते हुए प्राण न्योछावर कर देना चाहता था।
(ग) माताओं की माता ‘माँ भारती’ के लिए पुत्र द्वारा सर्वस्व न्योछावर कर देने पर बिस्मिल की माँ को गर्व होगा।
(घ) उपर्युक्त सारे कथन सही हैं।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सारे कथन सही हैं।

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions मेरी माँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ अपने जीवन के अंतिम समय में अपनी माँ का स्मरण कर भावुक हो उठते हैं – अपने विचार प्रकट कीजिए ।
उत्तर:
‘बिस्मिल’ जी अपनी माँ द्वारा किए गए त्याग को स्मरण करते हैं। अपनी आत्मकथा ‘मेरी माँ’ में बिस्मिल कहते हैं कि उनके चरित्र निर्माण में माँ ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी दी गई शिक्षा के कारण बिस्मिल बड़े-से-बड़े संकटों में भी अधीर नहीं हुए। अपनी प्रेमपूर्ण वाणी और व्यवहार से माँ ने अपने बेटे को हमेशा देश-प्रेम, साहस और सत्य के पथ पर चलने की प्रेरणा दी। माँ की कृपा के कारण उन्होंने अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त किया। जीवन के अंतिम समय में वे अपनी माताजी के श्रीचरणों में बैठकर उनकी सेवा करने की इच्छा रखते हैं। जिसे प्रेम और दृढ़ता के साथ उनका जीवन सुधारा, उसका ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर बिस्मिल जी को न मिला। अपनी माँ की दया से देश सेवा में संलग्न हो सके। इन्हीं विचारों और भावनाओं को महसूस कर बिस्मिल भावुक हो उठते हैं।

प्रश्न 2.
वकील ने लेखक को क्या समझाया और लेखक ने क्या किया ?
उत्तर :
वकील साहब ने लेखक को बहुत समझाया कि मुकदमा खारिज हो जाएगा। किन्तु लेखक पर कुछ भी प्रभाव न हुआ और न ही लेखक ने हस्ताक्षर किए। लेखक अपने जीवन में सदैव सत्य का आचरण करते थे । चाहे कुछ भी हो जाए, सत्य बात कहते थे।

प्रश्न 3.
लेखक की माँ कौन थीं और उन्हें किसने गृहकार्य सिखाया ?
उत्तर :
लेखक की माँ नितांत अशिक्षित एक ग्रामीण कन्या के समान थीं। शाहजहाँपुर आने के थोड़े दिनों बाद दादी जी ने अपनी छोटी बहन को बुला लिया। उन्होंने लेखक की माँ को गृहकार्य की शिक्षा दी ।

प्रश्न 4.
लेखक की माँ पढ़ना-लिखना कब करतीं और परिश्रम का फल क्या मिला ?
उत्तर :
लेखक की माँ घर का सब काम कर चुकने के बाद जो कुछ समय मिल जाता उसमें पढ़ना-लिखना करती थीं। परिश्रम के फल से थोड़े दिनों में ही वह देवनागरी पुस्तकों का अध्ययन करने लगीं और छोटी आयु में लेखक की बहनों को शिक्षा देने लगीं।

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Question Answer मेरी माँ मूल्यपरक / व्यावहारिक प्रश्न

प्रश्न.
बलिदानी श्री रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के किन गुणों ने आपको प्रभावित किया और क्यों?
उत्तर:
देशप्रेम : बिस्मिल जी का जीवन किसी भी उस व्यक्ति के लिए देश की रक्षा का प्रेरणा स्रोत बन सकता है जो देश से प्रेम करता है। उनका गीत ‘सरफरोशी की तमन्ना’ आज भी नई पीढ़ी को देश के लिए मर मिटने की भावना से ओतप्रोत कर देता है। मेरे जीवन का लक्ष्य भारतीय सेना में जाना है और मेरा मानना है कि महान वीर क्रांतिकारी ‘बिस्मिल’ के त्याग, देशप्रेम और सेवाभाव के मूल्य, विद्यार्थियों में नव जाग्रति उत्पन्न करते हैं।

अदम्य साहस ‘बिस्मिल’ जी का व्यक्तित्व साहस और निडरता से भरपूर था। वे सिखाते हैं कि देश – भक्ति की राह में संघर्षों और मृत्यु से क्या डरना ! हिम्मत और हौंसले के साथ जीवन में आगे बढ़े और कुर्बान होने का भी अलग आनंद है।

मातृप्रेम : माँ के चरणों को ‘बिस्मिल’ जी ने अपना संसार माना। वे अपने जीवन को सुधारने, देशसेवा में संलग्न होने, धार्मिक और आत्मिक उन्नति का श्रेय अपनी जन्मदात्री माँ को देते हैं। जिस प्रकार ‘बिस्मिल’ जी ने अपनी माँ के अगाध प्रेम और योगदान के विचार, दिल को छू लेने वाले हैं।.. इस प्रकार बिस्मिल जी के उच्च आदर्श और गुण प्रभावित करते हैं।

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