CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण विराम-चिह्न
विराम-चिह्न आवश्यक क्यों?
जब हम अपने मनभावों को किसी के सामने प्रकट करते हैं तो अपनी बातों को समझाने या किसी कथन पर बल देने के लिए बीचबीच में रुकते हैं। लिखित भाषा में भाव स्पष्ट करने या कथन पर बल देने के लिए कुछ निश्चित चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इन चिह्नों को विराम-चिह्न कहते हैं।
परिभाषा- भाषा के लिखित रूप में रुकने के लिए जिन चिह्नों या संकेतों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें विराम-चिह्न कहते हैं। विराम-चिह्नों के प्रयोग से –
- भावों की अभिव्यक्ति में स्पष्टता आती है।
- कथन प्रभावपूर्ण बन जाता है।
विराम-चिहन के प्रकार –
हिंदी भाषा में मुख्य रूप से निम्नांकित विराम-चिह्नों का प्रयोग किया जाता है –
विराम-चिहन का नाम और चिह्न
- पूर्ण विराम (Full stop) ।
- अर्ध विराम (Semi-colon) ;
- अल्प विराम (Comma) ,
- प्रश्नवाचक चिह्न (Question mark) ?
- विस्मयवाचक चिह्न (Exclamation mark) !
- योजक या विभाजक (Hyphen) –
- निर्देशक (Dash) –
- उद्धरण चिह्न (Inverted comma) ‘ ’,“ ”
- विवरण चिह्न (Sign of following) :-
- कोष्ठक (Bracket) ( )
- हंस पद (Sign of leftout) ,
- लाघव चिह्न (Sign of abbreviation) ०
1. पूर्ण विराम (।) – इस चिह्न का प्रयोग प्रश्नवाचक और विस्मयवाचक वाक्यों को छोड़कर प्रायः सभी प्रकार के वाक्यों के अंत में किया जाता है; जैसे –
- अध्यापक छात्रों को पढ़ाते हैं।
- माली पौधों की देखभाल करता है।
- हमें अपने आस-पास हरा-भरा बनाए रखना चाहिए।
- कभी-कभी अप्रत्यक्ष प्रश्न के अंत में भी पूर्ण विराम लगाया जाता है; जैसे –
- अच्छा अब बताओ कि तुम्हें क्या चाहिए।
- कुछ देर पहले यहाँ कौन आया था।
2. अर्ध विराम (;)- जब पूर्ण विराम से कम समय के लिए रुकते हैं, तब इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है; जैसे –
- वह घर आया; थोड़ी देर बाद चला गया।
- जो यहाँ फूल-माला चढ़ाते हैं; उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।
- तुम्हारी इन बातों पर कोई विश्वास नहीं करेगा; क्योंकि ये झूठी हैं।
- यहाँ कई भाषाएँ पढ़ाई जाती हैं; जैसे-अंग्रेज़ी, तमिल, मलयालम आदि।
3. अल्प विराम (,) – वाक्य के मध्य में अर्ध विराम से भी कम समय तक रुकने के लिए किया जाता है; जैसे –
- राम, मोहन, श्याम और उदय यहाँ आएँगे।
- हाँ, मैं यह चित्र बना लूँगा।
- नहीं, तुम अभी अंदर नहीं आ सकते हो।
- सरकार बदल जाने से, मैं समझता हूँ, कुछ बदलाव होगा।
- मि. शर्मा एम.ए., बी.एड., पी.एच.डी. हैं।
- सुभाषचंद्र बोस ने कहा, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”
- चलो, चलो जल्दी चलो, ट्रेन आ गई है।
- हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ।
- इस व्यक्ति के लिए लाभ और हानि, यश और अपयश बराबर हैं।
- सवेरा हुआ, पक्षी बोलने लगे।
- वह काम, जिसे आपने बताया था, मैंने कर दिया था।
- यहाँ आओ, सुमन, मेरी बात तो सुनो।
- पूज्या माता जी, भवदीया आदि।
4. प्रश्नवाचक चिह्न (?) – इस चिह्न का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में, अनिश्चय या संदेह प्रकट करने के लिए संदेह स्थल पर कोष्ठक में किया जाता है; जैसे –
- सुमन, तुम कब आई?
- क्या कहा, वह परिश्रमी है?
- वह क्या पढ़ता है, क्या लिखता है, क्या याद करता है, यह मुझसे क्यों पूछ रहे हो?
5. विस्मयवाचक चिह्न (!) – इस चिह्न का प्रयोग विस्मय (आश्चर्य), हर्ष, घृणा, शोक आदि मनोभावों को व्यक्त करने के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है; जैसे –
- अरे! बरसात होने लगी।
- अहा! कितने सुंदर फूल खिले हैं।
- हाय! चोरों ने सब कुछ लूट लिया।
- छि:! यहाँ तो कूड़ा फैला है।
शाबाश! तुम्हें ‘ए’ ग्रेड मिला है।
6. योजक या विभाजक चिह्न (-) – इस चिह्न का प्रयोग सामासिक शब्दों, सा, सी, से आदि से पूर्व, शब्द युग्मों, द्वित्व शब्दों, पूर्णांक से कम संख्या भाग बताने के लिए किया जाता है –
- सुख-दुख, आगमन प्रस्थान, जीवन-मरण, यश-अपयश।
- हिरनी-सी आँखें, मोती-से अक्षर, फूल-सा बच्चा।
- उठते-बैठते, सोते जागते, हँसते-हँसते, पढ़ते-पढ़ते।
- एक-तिहाई, तीन-दसवाँ, एक-चौथाई।
7. निर्देशक चिह्न (-) यह चिह्न योजक-चिह्न से बड़ा होता है। इसका प्रयोग किसी के कहे वाक्यों से पूर्व, कहा, लिखा
आदि क्रियाओं के बाद, संवादों में, किसी शब्द या वाक्यांश की व्याख्या से पूर्व किया जाता है; जैसे –
- गांधी जी ने कहा-“हम स्वराज लाएँगे।”
- अध्यापक ने लिखा-पाठ दोहराकर आना।
- राणा प्रताप-देखो, भामाशाह आ रहे हैं।
- भामाशाह-राजन, आप मेरी यह दौलत स्वीकार कर लें।
- इस दुकान पर आपको कई चीजें मिल जाएंगी-चीनी, चावल, दाल, तेल आदि।
8. उद्धरण चिह्न (‘…..’, “…”) – इस चिह्न का प्रयोग किसी कथन को मूल रूप में लिखने, पुस्तक या कथन का मूल अंश उद्धृत करने व्यक्ति, पुस्तक, उपनाम आदि के लिए किया है।
इसके दो भेद हैं
(क) इकहरा उद्धारण चिह्न (……….’)
- इस कविता के रचयिता रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
- ‘रामचरित मानस’ तुलसीदास की विश्व प्रसिद्ध कृति है।
(ख) दोहरा उद्धारण चिह्न (“………”)
- स्व. इंदिरा गांधी ने नारा दिया-‘गरीबी हटाओ।”
- ग्रेसम का कहना था-“पुराना नोट नए नोट के चलन में बाधक होता है।”
9. विवरण चिह्न (:-) – कुछ सूचना, निर्देश आदि देने के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है; जैसे –
- कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते है:-अकर्मक और सकर्मक।
- राजा दशरथ के चार पुत्र थे: – राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न।
10. कोष्ठक ( ) -कोष्ठक में उस अंश को दिया जाता है जो वाक्य का मुख्य अंश होने के बाद भी अलग से दिया जा सकता है; जैसे –
- राष्ट्रीय त्योहार (स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस) राष्ट्रीय एकता बढ़ाने में सहायक हैं।
- यहाँ लेखन सामग्री (रजिस्टर, पेन, इंक आदि) मिल जाएगी।
- (क) और (ख) दोनों विकल्प सही हैं।
11. हंसपद चिह्न (*)-लिखते समय कुछ अंश छूट जाने पर इस चिह्न को लगाकर उसके ऊपर लिख दिया जाता है; जैसे –
- यहाँ बस, ट्रक और कार की मरम्मत की जाती है।
- अप्रैल, मई और जून गरमी के महीने हैं।
- आप विश्वास कीजिए, यह काम मैंने ही किया है।
12. लाघव चिह्न (०)- इसे संक्षेप सूचक चिह्न भी कहते हैं। किसी बड़े अंश का लघुरूप लिखने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है, जैसे –
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय = (स.ही०वा० अज्ञेय)
- गोस्वामी तुलसीदास = (गो० तुलसीदास), डॉक्टर = (डॉ०)
- कृपया पन्ना उलटिए= (कृ०प०उ०)
अभ्यास प्रश्न
प्रश्नः
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम-चिह्न का प्रयोग करते हुए दोबारा लिखिए
- लोगों ने मिस्टर शर्मा को एम पी चुन लिया
- सुभाष चंद्र बोस ने कहा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा
- क्या प्रधानाचार्य आज नहीं आए हैं
- तुलसी ने रामचरित मानस में लिखा है परहित सरसि धर्म नहिं भाई
- तुम कौन हो कहाँ रहते हो क्या करते हो यह सब मैं क्यों पूछू
- बूढ़े ने डॉक्टर चड्ढा से कहा इसे एक नज़र देख लीजिए शायद बच जाए
- कामायनी कवि जयशंकर प्रसाद की प्रसिद्ध कृति है
- उस कवि सम्मेलन में रामधारी सिंह दिनकर, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे कई महान कवि आए थे
- वसंत ऋतु के त्योहार होली वसंत पंचमी वैसाखी हमें उल्लास से भर जाते हैं
- हाय फूल सी कोमल बच्ची हुई राख की थी ढेरी
- क्या कहा तुम अनुत्तीर्ण हो गए
- रोहन 125 राजौरी गार्डन दिल्ली में रहता है
- यह पत्र 25 जुलाई 2014 को लिखा गया है
- बचो बचो सामने से साँड आ रहा है
- सुमन तुमने कितना स्वादिष्ट खाना बनाया है
उत्तरः
- लोगों ने मि. शर्मा को एम.पी. चुन लिया है।
- सुभाष चंद्र बोस ने कहा, “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”
- “क्या आज प्रधानाचार्य नहीं आए हैं?”
- तुलसी ने ‘रामचरित मानस’ में लिखा है-‘परहित सरसि धर्म नहिं भाई’।
- तुम कौन हो, कहाँ रहते हो, क्या करते हो, यह सब मैं क्यों पूछू ?
- बूढ़े ने डॉ. चड्ढा से कहा, “इसे एक नज़र देख लीजिए, शायद बच जाए।”
- ‘कामायनी’ कवि जयशंकर प्रसाद की प्रसिद्ध कृति है।
- उस कवि सम्मेलन में रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जैसे कई महान कवि आए थे।
- वसंत ऋतु के त्योहार (होली, वसंत पंचमी, बैसाखी) हमें उल्लास से भर जाते हैं।
- हाय! फूल-सी कोमल बच्ची हुई राख की थी ढेरी।
- क्या कहा, तुम अनुत्तीर्ण हो गए!
- रोहन 125, राजौरी गार्डन, दिल्ली में रहता है।
- यह पत्र 25 जुलाई, 2014 को लिखा गया है।
- बचो बचो! सामने से साँड आ रहा है।
- सुमन, तुमने कितना स्वादिष्ट खाना बनाया है।
पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित विराम-चिह्न संबंधी कुछ वाक्य
प्रश्नः
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम-चिह्न का प्रयोग करते हुए दुबारा लिखिए
- हिंदी कविता की सुंदर पंक्ति है जिसके कारण धूलि भरे हीरे कहलाए
- नीचे को धूरि समान वेद वाक्य नहीं है
- धूल धूलि धूली धूरि आदि व्यंजनाएँ अलग अलग हैं
- एक आदमी ने घृणा से कहा क्या ज़माना है जवान लड़के को मरे पूरा दिन नहीं बीता और यह बेहया दुकान लगा के बैठी है
- दूसरे साहब कह रहे थे जैसी नीयत होती है अल्ला भी वैसी ही बरकत देता है
- कल जिसका बेटा चल बसा आज वह बाज़ार में सौदा बेचने चली है हाय रे पत्थर-दिल
- उन्होंने अपना हाथ मेरे कंधे पर रखते हुए कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए
- हमारे नेता कर्नल खुल्लर के शब्दों में यह इतनी ऊँचाई पर सुरक्षा कार्य का एक ज़बरदस्त साहसिक कार्य था
- कर्नल खुल्लर मेरी ओर मुड़कर कहने लगे क्या तुम भयभीत थीं
- नहीं मैंने बिना किसी हिचकिचाहट के उत्तर दिया
- तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेद्री
- साउथ कोल पृथ्वी पर बहुत अधिक कठोर जगह के नाम से प्रसिद्ध है
- कर्नल खुल्लर ने बधाई देते हुए कहा मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा
- तीसरे दिन की सुबह तुमने मुझे कहा मैं धोबी को कपड़े देना चाहता हूँ
- चलो चलते हैं मैंने कहा ।
- यह जिज्ञासा उनसे सवाल कर बैठी आखिर समुद्र का रंग नीला ही क्यों होता है कुछ और क्यों नहीं
- रामन ने बी ए और एम ए दोनों ही परीक्षाओं में काफी ऊँचे अंक हासिल किए
- शोध कार्यों के दौरान उनके अध्ययन के दायरे में जहाँ वायलिन, चैलो जैसे विदेशी वाद्य यंत्र आए वहीं वीणा, तानपुरा और मृदंगम पर भी उन्होंने काम किया
- हम आकाश का वर्णन करते हैं पृथ्वी का वर्णन करते हैं जलाशयों का वर्णन करते हैं पर कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है
- प्रत्येक आदमी का कर्तव्य यह है कि वह भली-भाँति समझ ले कि महात्मा जी के धर्म का स्वरूप क्या है
- कभी-कभी अपना परिचय उनके पीर बावर्ची भिश्ती खर रूप में देने में वे गौरव का अनुभव किया करते थे
- गांधी जी कहते थे-महादेव के लिखे नोट के साथ थोड़ा मिलान कर लेना था न
उत्तरः
- हिंदी-कविता की सुंदर पंक्ति है, ‘जिसके कारण धूलि भरे हीरे कहलाए’।
- ‘नीचे को धूरि समान’ वेद वाक्य नहीं है।
- धूल, धूलि, धूली, धूरि आदि व्यंजनाएँ अलग-अलग हैं।
- एक आदमी ने घृणा से कहा, “क्या ज़माना है। जवान लड़के को मरे पूरा दिन नहीं बीता और यह बेहया दुकान लगा के बैठी है।
- दूसरे साहब कह रहे थे, “जैसी नीयत होती है अल्ला भी वैसी ही बरकत देता है।
- कल जिसका बेटा चल बसा, आज वह बाज़ार में सौदा बेचने चली है, हाय रे पत्थर-दिल।
- उन्होंने अपना हाथ मेरे कंधे पर रखते हुए कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।
- हमारे नेता कर्नल खुल्लर के शब्दों में, “यह इतनी ऊँचाई पर सुरक्षा-कार्य का एक ज़बरदस्त साहसिक कार्य था।”
- कर्नल खुल्लर मेरी ओर मुड़कर कहने लगे, “क्या तुम भयभीत थीं?”
- “नहीं, मैंने बिना किसी हिचकिचाहट के उत्तर दिया।”
- “तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली, बचेंद्री?”
- साउथ कोल ‘पृथ्वी पर बहुत अधिक कठोर जगह’ के नाम से प्रसिद्ध है।
- कर्नल खुल्लर ने बधाई देते हुए कहा, “मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देता हूँ।”
- तीसरे दिन की सुबह तुमने मुझे कहा, “मैं धोबी को कपड़े देना चाहता हूँ।”
- “चलो, चलते हैं।” मैंने कहा।
- यह जिज्ञासा उनसे सवाल कर बैठी-‘आखिर समुद्र का रंग नीला ही क्यों होता है, कुछ और क्यों नहीं?’
- रामन ने बी.ए. और एम.ए.-दोनों ही परीक्षाओं में काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए।
- शोध कार्यों के दौरान उनके अध्ययन के दायरे में जहाँ वायलिन, चैलो जैसे विदेशी वाद्य आए, वहीं वीणा, तानपुरा – और मृदंगम पर भी उन्होंने काम किया।
- हम आकाश का वर्णन करते हैं, पृथ्वी का वर्णन करते हैं, जलाशयों का वर्णन करते हैं पर कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है?
- प्रत्येक आदमी का कर्तव्य यह है कि वह भली-भाँति समझ ले कि महात्मा जी के ‘धर्म’ का स्वरूप क्या है?
- कभी-कभी अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ रूप में देने में वे गौरव का अनुभव किया करते थे
- गांधी जी कहते थे-“महादेव के लिखे ‘नोट’ के साथ थोड़ा मिलान कर लेना था न।”
विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए विराम-चिह्न संबंधी प्रश्न
प्रश्नः1.
(i) सत्य अहिंसा और प्रेम जीवन के मूल आधार हैं
(ii) गांधी जी ने कहा परिश्रम का कोई विकल्प नहीं
(iii) तुम कल विद्यालय क्यों नहीं आए
उत्तरः
(i) सत्य, अहिंसा और प्रेम जीवन के मूल आधार हैं।
(ii) गांधी जी ने कहा, “परिश्रम का कोई विकल्प नहीं।”
(iii) तुम कल विद्यालय क्यों नहीं आए?
प्रश्नः 2.
(i) अरे पर्स तो घर में ही छूट गया
(ii) वर्मा जी आप यहाँ किस होटल में ठहरे हैं
(iii) स्पर्श भाग 2 हमारी पाठयपुस्तक है
उत्तरः
(i) अरे! पर्स तो घर में ही छूट गया।
(ii) वर्मा जी, आप यहाँ किस होटल में ठहरे हैं?
(iii) ‘स्पर्श भाग-2’ हमारी पाठ्यपुस्तक है।
प्रश्नः 3.
(i) गणतंत्र दिवस की परेड में बच्चे बूढ़े और स्त्री पुरुष सभी एकत्रित हुए
(ii) वाह कितना सुंदर दृश्य है ।
(iii) आजकल दाल चीनी चावल आटा और फल सब महँगे हो गए हैं
उत्तरः
(i) गणतंत्र दिवस की परेड में बच्चे, बूढ़े और स्त्री-पुरुष सभी उपस्थित हुए।
(ii) वाह ! कितना सुंदर दृश्य है।
(iii) आजकल दाल, चीनी, चावल, आटा और फल सब महँगे हो गए हैं।
प्रश्नः 4.
(i) माँ ने कहा सरल सहज और सादा जीवन हमें प्रकृति से जोड़ता है
(ii) कठिन परिश्रम करो सफलता निकट है।
(iii) बच्चो शांतिपूर्वक बैठो
उत्तरः
(i) माँ ने कहा, “सरल, सहज और सादा जीवन हमें प्रकृति से जोड़ता है।
(ii) कठिन परिश्रम करो, सफलता निकट है।
(iii) बच्चो! शांतिपूर्वक बैठो।
प्रश्नः 5.
(i) एक महात्मा ने मुझको पाला पोसा और इतना बड़ा किया
(ii) भक्त ने पूछा क्या ईश्वर हृदय में निवास करता है
(iii) साधु ने बताया ईश्वर कण कण में बास कहता है
उत्तरः
(i) एक महात्मा ने मुझको पाला, पोसा और इतना बड़ा किया।
(ii) भक्त ने पूछा, “क्या ईश्वर हृदय में निवास करता है।
(iii) साधु ने बताया, “ईश्वर कण-कण में बास कहता है।
प्रश्नः 6.
(i) सोहन इधर आओ
(ii) साधु ने कहा भगवान तुम्हें सुखी रखे
(iii) अहा कितना सुंदर फूल है
उत्तरः
(i) सोहन, इधर आओ।
(ii) साधु ने कहा, “भगवान तुम्हें सुखी रखे।”
(iii) अहा! कितना सुंदर दृश्य है।
प्रश्नः 7.
(i) चिड़ीमार बोला ये कबूतर तोता मैना और मोर बिकाऊ हैं
(ii) क्या तुम आज विद्यालय नहीं जाओगे
(iii) हमें अपने बड़ों की आज्ञा माननी चाहिए।
उत्तरः
(i) चिड़ीमार बोला, “ये कबूतर, तोता, मैना और मोर बिकाऊ हैं।
(ii) “क्या तुम आज विद्यालय नहीं जाओगे?”
(iii) हमें अपने बड़ों की आज्ञा माननी चाहिए।
प्रश्नः 8.
(i) गोदान कफ़न पूस की रात प्रेमचंद की कृतियाँ हैं
(ii) हे भगवान अब क्या होगा
(iii). देशवासियो आपस में मिल-जुलकर रहो
उत्तरः
(i) ‘गोदान’, ‘कफ़न’ ‘पूस की रात’ प्रेमचंद की कृतियाँ हैं।
(ii) हे भगवान! अब क्या होगा?
(iii) देशवासियो! आपस में मिल-जुलकर रहो।
प्रश्नः 9.
(i) जून जुलाई में यहाँ खूब बरसात होती है
(ii) भीड़ नारे लगा रही थी महात्मा गांधी की जय
(iii) आज एम ए का परीक्षाफल आ गया
उत्तरः
(i) जून-जुलाई में यहाँ खूब बारिश होती है।
(ii) भीड़ नारे लगा रही थी-‘महात्मा गांधी की जय।’
(iii) आज एम.ए. का परीक्षाफल आ गया।
प्रश्नः 10.
(i) वह एम एस सी बी० एड् है
(ii). अकबर ने चौंककर कहा तुम रात भर यमुना में खड़े रहे
(iii) उसने बाज़ार में आम अमरूद पपीता और केले खरीदे 88
उत्तरः
(i) वह एम.एस.सी.बी.एड्. है।
(ii) अकबर ने चौंककर कहा, “तुम रात भर यमुना में खड़े रहे !
(iii) उसने बाज़ार में आम, अमरूद, पपीता और केले खरीदे।